Ramayan Chaupai : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आपको तकलीफ भी हो तो लोग किसी को नहीं बताते बस मन में ही रख लेते है नमस्कार दोस्तों रामायण तो आपने सबने देखि होगी रामायण की चौपाई भी जरूर पढ़ी होगी लेकिन आज हम आपको रामायण की वो चौपाई बताने जा रहे है जो आपकी जिंदगी बदल देगी जितना लोग रामायण देख कर आनंद अनुभव करते है उससे ज्यादा लोग रामायण की चौपाई चुन और पढ़ कर अनुभव करते है क्योकि रामायण की पूरी कहानी रामायण की चौपाई पर आधारित है हमने जो रामायण की वो चौपाई निकली जो आपकी जिंदगी को बदलने में मदद करेगी

Ramayan Chaupai : रामायण की ये चौपाई रात को पढ़ कर सो जाये सुबह हो जायेगा करिश्मा
बिनु सत्संग विवेक न होई।
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥
सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।
पारस परस कुघात सुहाई॥
अर्थ : सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है।
जा पर कृपा राम की होई।
ता पर कृपा करहिं सब कोई॥
जिनके कपट, दम्भ नहिं माया।
तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥
अर्थ : जिन पर राम की कृपा होती है, उन्हें कोई सांसारिक दुःख छू तक नहीं सकता। परमात्मा जिस पर कृपा करते है उस पर तो सभी की कृपा अपने आप होने लगती है । और जिनके अंदर कपट, दम्भ (पाखंड) और माया नहीं होती, उन्हीं के हृदय में रघुपति बसते हैं अर्थात उन्हीं पर प्रभु की कृपा होती है।
Ramayan Chaupai : रामायण की ये चौपाई रात को पढ़ कर सो जाये सुबह हो जायेगा करिश्मा
कहेहु तात अस मोर प्रनामा।
सब प्रकार प्रभु पूरनकामा॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥
अर्थ : हे तात ! मेरा प्रणाम और आपसे निवेदन है – हे प्रभु! यद्यपि आप सब प्रकार से पूर्ण काम हैं (आपको किसी प्रकार की कामना नहीं है), तथापि दीन-दुःखियों पर दया करना आपका विरद (प्रकृति) है, अतः हे नाथ ! आप मेरे भारी संकट को हर लीजिए (मेरे सारे कष्टों को दूर कीजिए)॥
हरि अनंत हरि कथा अनंता।
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
रामचंद्र के चरित सुहाए।
कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥
अर्थ : हरि अनंत हैं (उनका कोई पार नहीं पा सकता) और उनकी कथा भी अनंत है। सब संत लोग उसे बहुत प्रकार से कहते-सुनते हैं। रामचंद्र के सुंदर चरित्र करोड़ों कल्पों में भी गाए नहीं जा सकते।